देहरादून। स्कूल फीस को लेकर उत्तराखंड शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने नया शासनादेश जारी किया है। पांचवी से ऊपर की सभी कक्षाओं के छात्रों से पूरी फीस लेने का आदेश जारी कर दिया गया है। शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने सोमवार ने फीस का जीओ जारी किया। स्कूल पूरी फीस उसी तारीख से ले सकेंगे, जिस दिन वो विधिवत रूप से खुले हैं। पहली से पांचवी कक्षा के छात्रों से फिलहाल केवल ट्यूशन फीस ही ली जाएगी। मालूम हो कि इससे पहले केवल 10 और 12 वीं कक्षा के छात्रों से ही पूरी फीस ली जा रही थी। ये कक्षाएं दो नवंबर 2020 से खोल दी गईं थी। आठ फरवरी से सरकार ने छठी से ग्यारहवी कक्षाओं को भी खोल दिया है।
इस आदेश में लिखा गया है कि विगत चार फरवरी 2021 से राज्य में कक्षा छह से 11 तक की कक्षाएं आठ फरवरी से कुछ शर्तों के साथ खोले जाने की अनुमति दी गई है। अब इन कक्षाओं के भौतिक रूप से संचालित होने की तिथि से पूर्ण फीस तथा उससे पहले लॉकडाउन के दौरान केवल ट्यूशन फीस जमा कराई जाएगी। अभिभावकों द्वारा फीस को किस्तों में जमा कराए जाने के संबंध में सकारात्मक फैसला संस्थानों द्वारा ही लिया जाएगा।शासनादेश में कहा गया है कि इन कक्षाओं के अतिरिक्त अन्य कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई की ही अनुमति दी गई है। इसलिए अभिभावकों से केवल ट्यूशन फीस ही ली जाए। छठी से आठवीं और नौवीं-11वीं के विद्यार्थियों से फीस वसूली के मामले में कोई स्पष्ट दिशानिर्देश न होने पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को 25 मार्च तक स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए थे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 15 जनवरी को सरकार ने शासनादेश जारी कर 10वीं और 12वीं की कक्षाओं को खोलने का आदेश देते हुए कहा था कि विद्यालय प्रबंधन इन विद्यार्थियों से फीस ले सकते हैं, लेकिन चार फरवरी को सरकार ने फिर एक जीओ जारी कर कक्षा छठी, आठवीं, नौवीं और ग्यारहवीं की कक्षाएं खोलने का आदेश दिया, पर इस शासनादेश में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि इन कक्षाओं के छात्रों से फीस ले सकते हैं या नहीं। इस पर कोर्ट ने सरकार को स्कूल फीस को लेकर 25 मार्च तक स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए थे। स्कूल प्रबंधन की ओर से कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर कहा गया कि अब लॉकडाउन की स्थिति सामान्य हो चुकी है। स्कूलों में छात्र आने लगे हैं और पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है। इसलिए अब उनको फीस लेने दी जाए।मुख्य न्यायाधीश आरएस चैहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी। ऊधमसिंह नगर एसोसिएशन इंडिपेंडेंट स्कूल की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि राज्य सरकार ने 22 जून 2020 को एक आदेश जारी कर कहा था कि लॉकडाउन में प्राइवेट स्कूल किसी भी बच्चे का नाम स्कूल से नहीं काटेंगे और उनसे ट्यूशन फीस के अलावा कोई फीस नही लेंगे, जिसे प्राइवेट स्कूलों ने स्वीकार भी किया, लेकिन एक सितंबर 2020 को सीबीएसई ने सभी प्राइवेट स्कूलों को एक नोटिस जारी कर बोर्ड से संचालित सभी स्कूलों को 10 हजार रुपये स्पोर्ट्स फीस, 10 हजार रुपये टीचर ट्रेनिंग फीस और 300 रुपये प्रत्येक बच्चे के पंजीकरण की राशि बोर्ड को चार नवंबर से पहले देने के लिए कहा था।