देहरादून। युवा प्रतिभाशाली कथक नृत्यांगना रूपांशी कश्यप ने आज दून वर्ल्ड स्कूल के छात्रों के लिए कथक कार्यशाला का संचालन किया। कार्यशाला का आयोजन स्पिक मेके द्वारा किया गया। कार्यशाला के दौरान छात्रों को कथक के महत्व के साथ-साथ उसके विभिन्न भावों और ताल के बारे में भी विस्तार से बताया गया। छात्रों को घुंघरू के महत्व और उन्हें कैसे बाँधना है उसपर भी जानकारी दी गई। कार्यशाला में बच्चों को कथक में तीन ताल, लय, टाटकार (फुटवर्क) और हस्तक भी समझाया गया। रूपांशी ने अहमदाबाद में कदंब सेंटर फॉर डांस में प्रसिद्ध कथक गुरु पद्म भूषण कुमुदिनी जी लखिया के तहत प्रशिक्षण लिया है। एक आकर्षक युवा एकल डांसर के रूप में विकसित होने के बाद, रूपांशी बहुत ही आशाजनक कलाकार हैं। उन्होंने शास्त्रीय कथक प्रदर्शनों के विभिन्न पहलुओं में महारत हासिल की है जिनमें लय-ताल, पधंत, अंग शुद्धि और अभिनय शामिल हैं।