देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ रावत का एक और फैसला पहाड़ नहीं चढ़ पाया है, जिसमें प्राधिकरण को खत्म करने की बात कही गई थी। शहरी विकास मंत्री की बैठक में आज विभागीय मंत्री और अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि प्राधिकरण खत्म नहीं किया जाएगा, बल्कि प्राधिकरण के कुछ जटिल प्रक्रिया सरल की जाएगी। उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद नए मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री के फैसले को ताबड़तोड़ तरीके से बदला। सबसे पहले सीएम तीरथ सिंह ने उस फैसले को बदला।
जिसमें पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कुंभ में आरटी पीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लाने की बात कही थी। उस फैसले को सीएम तीरथ सिंह रावत ने आते ही पलट दिया और हरिद्वार कुंभ सबसे लिए खुला होने की बात कही। इसके बाद तीरथ रावत ने प्राधिकरण खत्म करने की भी घोषणा कर दी, लेकिन इन दोनों फैसलों पर तीरथ सरकार अब बैकफुट पर नजर आ रही है। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की कुंभ में सब को आने की अनुमति की घोषणा खोखली निकली। कुंभ में आ रहे सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लानी अभी भी अनिवार्य है। वहीं, राज्य के अलग-अलग प्राधिकरण को लेकर भी अब खबरें सामने आ रही हैं कि प्राधिकरण खत्म नहीं किए जाएंगे, केवल कुछ संशोधन किए जाएंगे। शुक्रवार को विधानसभा में हुई शहरी विकास की बैठक के बाद विभागीय मंत्री बंशीधर भगत ने स्पष्ट किया कि प्राधिकरणों को खत्म नहीं किया जाएगा, बल्कि जटिल प्रक्रिया को सरल किया जाएगा। इसके अलावा शहरी विकास सचिव शैलेश बगौली ने इस बात को और पुख्ता किया कि प्राधिकरण खत्म नहीं किए जाएंगे, केवल उनकी कुछ कार्य प्रणालियां बदली जाएंगी। विभागीय सचिव शैलेश बगौली ने स्पष्ट किया कि साल 2016 के परिसीमन के बाद जो क्षेत्र प्राधिकरण में जुड़ा था, उन क्षेत्रों में नक्शा पास करने को लेकर छूट दी गई है या नहीं उन क्षेत्रों में निर्माण के लिए प्राधिकरण से नक्शा पास करवाने की बाध्यता नहीं रहेगी। अन्यत्र प्राधिकरण का जो कार्य हैं वह पूर्व की तरह चलता रहेगा और प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र भी बरकरार रहेंगे।