ऋषिकेश। जर्मन सरकार के क्लाइमेट प्रूफिग प्रोजेक्ट (केएफडब्ल्यू) के अंतर्गत ऋषिकेश में पहले चरण में 459.14 करोड़ रुपए की लागत से 180 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाये जाने के साथ ही पंपिग स्टेशन एवं एसटीपी प्लांट निर्माण का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। उक्त जानकारी उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पेयजल निगम के अधिकारियों के संग बैठक के उपरांत दी।
बैराज मार्ग स्थित कैंप कार्यालय में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पेयजल निगम के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में केएफडब्ल्यू के अंतर्गत ऋषिकेश में पहले चरण में लगभग 459 करोड़ रुपए की लागत से होने वाले सीवरेज निर्माण कार्यों के संबंध में अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष को विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान विधानसभाध्यक्ष ने नमामि गंगे के कार्यक्रम निदेशक उदयराज से दूरभाष पर वार्ता कर योजना के के निर्माण कार्यों को शीघ्र ही प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि वित् पोषित कार्यक्रम केएफडब्ल्यू के द्वारा योजना को स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। जिसमें जर्मन सरकार की केएफडब्ल्यू संस्था एवं भारत सरकार के बीच लोन एग्रीमेंट भी हस्ताक्षरित हो चुके हैं। इस योजना के बनने के बाद सीवर की समस्या का पूर्ण निदान हो जाएगा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि केएफडब्ल्यू योजना के अंतर्गत लाभान्वित होने वाले क्षेत्रों में नगर निगम, ऋषिकेश के समस्त 40 वार्ड जिनमें शैल विहार, प्रगति विहार, इंदिरा नगर, मीरा नगर, तुलसी विहार, शिवाजी नगर, बापू ग्राम, रामबाग, निर्मल बाग, बीरपुर खुर्द, श्यामपुर, खदरी खडगमाफ सहित अन्य क्षेत्र है। इस कार्यक्रम के द्वारा गंगा नदी में प्रवाहित हो रही दूषित जल की रोकथाम कर गंगाजल को स्वच्छ किया जाना मुख्य उद्देश्य है।श्री अग्रवाल ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत ऋषिकेश की लगभग सवा लाख से अधिक जनसंख्या को सीवर योजना से लाभान्वित किया जायेगा। इस अवसर पर पेयजल निगम के परियोजना प्रबंधक ए.के चतुर्वेदी ने बताया कि केएफडब्ल्यू योजना के अंतर्गत पहले चरण में ऋषिकेश नगर के समस्त वार्डों एवं खदरी खड़क माफ ग्रामीण क्षेत्र में 180 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाया जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही आस्था पथ के निकट व आवास विकास में एक-एक सीवरेज पंपिग स्टेशन तथा खदरी खड़कमाफ ग्रामीण क्षेत्र में 2.0 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना है। बैठक में परियोजना अभियंता रविंद्र सिंह, सहायक परियोजना अभियंता सुशील बहुगुणा एवं सहायक परियोजना अभियंता धर्मेंद्र कुकरेती मौजूद थे।