-तीन दिन पूर्व कोविड अस्पताल में हुई थी पश्चिम बंगाल निवासी तपन सिंह मृत्यु
-नगर पालिका और एसडीआरएफ की टीम का जताया आभार
रुद्रप्रयाग। कोरोना महामारी के दौर में जहां लोग अपने संक्रमित रिश्तेदारों और पड़ोसियों से भी कतरा रहे हैं, वहीं हमारे समाज में ऐसे भी लोग हैं, जो अपनी परवाह किये बिना मानवता की सेवा में दिन-रात जुटे हुए हैं। इन्हीं में से एक हैं उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता मोहित डिमरी। जिन्होंने कोरोना संक्रमित एक अपरिचित व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार करवाकर मिसाल कायम की है। संकट के इस दौर में वह लगातार लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं।
दरअसल, मूल रूप से पश्चिम बंगाल निवासी 38 वर्षीय तपन सिंह अखोड़ी (ऊखीमठ ब्लॉक) में मेडिकल स्टोर संचालित करते थे। उनकी तबियत बिगड़ने पर उन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया। यहां उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने पर तीन मई को रुद्रप्रयाग के कोविड अस्पताल में लाया गया, जहां उन्होंने दोपहर दो बजे दम तोड़ दिया। जिस समय इन्हें कोविड अस्पताल में लाया गया, उस वक्त उनके साथ कोई नहीं था। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या इनके अंतिम संस्कार को लेकर खड़ी हो गई। दो दिन तक बॉडी मोर्चरी में ही रही।
इस बात की जानकारी उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता मोहित डिमरी को मिली तो उन्होंने मृतक व्यक्ति के परिजनों से संपर्क किया। लेकिन कोरोना के कारण उनका कोई भी रिश्तेदार रुद्रप्रयाग नहीं पहुँच पाया। इस पर उन्होंने बॉडी के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उठाई। अस्पताल प्रबंधन की ओर से उक्रांद कार्यकर्ता मोहित डिमरी को बॉडी सुपुर्द की गई। इसके बाद उन्होंने नगर पालिका और एसडीआरएफ (स्टेट डिसास्टर रिलीफ फोर्स) से मदद मांगी। जिसके बाद पूरे सुरक्षा उपकरणों के साथ शव का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं उक्रांद कार्यकर्ता मोहित डिमरी ने बताया कि बुढ़ना में मेडिकल स्टोर संचालित कर रहे विपिन डंगवाल ने उन्हें जानकारी दी थी कि एक बंगाली व्यक्ति का शव कोविड अस्पताल में है। जिसका अंतिम संस्कार होना है, लेकिन कोरोना के कारण उनके परिजन रुद्रप्रयाग पहुँचने में असमर्थ हैं। इसके बाद उन्होंने नगर पालिका और एसडीआरएफ से संपर्क किया।
उन्होंने कहा कि नगर पालिका रुद्रप्रयाग की अधिशासी अधिकारी सीमा रावत, शंकराचार्य अस्पताल के प्रकाश सेमवाल, सफाई निरीक्षक शिवराज सिंह पंवार और एसडीआरएफ टीम के लीडर हेड कॉस्टेबल आशीष डिमरी का विशेष सहयोग रहा। इसके साथ ही उन्होंने हिमांशु बहुगुणा, भाष्करानंद कोठारी, अरुण कप्रवान, एसडीआरएफ के कॉस्टेबल विकास रमोला, महेश चंद्र, गोविंद सिंह, अमित नौटियाल, सफाई कर्मी मुकेश, रामपाल, सचिन, रिंकू, नरेंद्र, विपिन, अमन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम सभी को एक-दूसरे का सहारा बनना है और मिलजुलकर इस बीमारी से लड़ना है। मानवता की सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है।