-साइबर क्रिमिनल्स का बहुत बड़ा दुस्साहस, पुलिस मुख्यालय ने शिकायत कराई दर्ज
देहरादून। प्रदेश में साइबर क्रिमिनल्स का आतंक किस कदर चरम पर है, इसका ताजा उदाहरण पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाने के रूप में सामने आया है। साइबर अपराधियों द्वारा फेक आईडी के जरिए डीजीपी का फेसबुक अकाउंट जनरेट कर फ्रेंड रिक्वेस्ट के जरिए लोगों से पैसे मांगने की जानकारी सामने आयी है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा इसकी शिकायत देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को दी गई है। जिसके आधार पर साइबर पुलिस की तकनीकी टीम डीजीपी का फेक फेसबुक अकाउंट बनाने वाले अज्ञात व्यक्ति की जानकारी जुटाने में लगी है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक डीजीपी अशोक कुमार की फेसबुक आईडी जनरेट करने का मामला सोमवार को सामने आया था। इसके बाद पता चला कि अज्ञात साइबर क्रिमिनल द्वारा फ्रेंड रिक्वेस्ट और पहचान के नाम पर लोगों से पैसे मांगे जा रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी से भी पैसे ठगने की पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं दूसरी तरफ साइबर अपराधियों के इस कारनामे को देखते हुए देहरादून साइबर क्राइम पुलिस तकनीकी विशेषज्ञों की टीम की मदद से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाने वाले अज्ञात व्यक्ति की जांच पड़ताल में जुटी है।
उत्तराखंड में साइबर अपराध के मामलों के साथ-साथ ही आए दिन आम से लेकर खास लोगों का फर्जी फेसबुक अकाउंट बना कर रुपए ठगने का अपराध चरम पर है। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड पुलिस के निचले कर्मचारियों से लेकर डीजीपी तक के फर्जी फेसबुक अकाउंट जनरेट कर रुपए ठगने जैसे मामले लगातार सामने आए हैं। साइबर ठगों ने फेसबुक के जरिए ठगी का नया तरीका निकाल लिया है। साइबर ठग किसी का भी फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाकर उसकी फ्रेंडर्स लिस्ट में शामिल लोगों से उधार के तौर पर पैसा मांगते है। यह पैसा गुगल पेय आदि माध्यमों से मांगा जाता है। उत्तराखण्ड की डीजीपी की तरह पहले भी कई आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और बड़े अधिकारियों के फर्जी फेसबुक बनाकर यह पैसा मांगा गया है।