-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी
देहरादून। राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर राज्य में बनने जा रहे सैन्यधाम को भव्य एवं आकर्षक बनाने बनाने की पूरी योजना प्रस्तुत की तथा आवश्यक सहयोग की मांग की। इसके अतिरिक्त मिठ्ठी बेहड़ी में सेना तथा सरकार के बीच भूमि हस्तांतरण के प्रकरण, विलासपुर कांडली पेयजल योजना तथा गोरखा मिलिट्री कालेज की लीज अवधि विस्तारित करने की मांग को लेकर रक्षा मंत्री को संज्ञापित किया तथा इस समस्त प्रकरणों को त्वरितता से निस्तारित करवाने हेतु सहयोग मांगा। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी विगत 13 जून से दिल्ली प्रवास पर हैं। कोरोना संक्रमण काल के दौरान देहरादून जनपद के कोरोना उपचार व्यवस्थाओं के प्रभारी के तौर पर कोरोना उपचार व्यवस्थाओं में व्यस्त होने के कारण गणेश जोशी राज्य सरकार में मंत्री बनने बाद पहली बार केन्द्रीय नेताओं से मुलाकात करने तथा अपने अधीन विभागों से संबंधित महत्वाकांक्षी एवं महत्वपूर्ण मामलों की स्वयं पैरवी करने दिल्ली पहुंचे हैं।
सैन्यधाम निर्माण की योजना साझा कर मांगा सहयोग – काबीना मंत्री गणेश जोशी ने रक्षा मंत्री को अवगत कराया कि राज्य में एक भव्य शहीद स्मारक का निर्माण ‘‘सैन्यधाम‘‘ के रूप में किया जा रहा है। सैन्य धाम में प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर आज तक के युद्धों में शहीद हुए प्रदेश के प्रत्येक शहीद सैनिक के घर के आंगन की मिट्टी को निर्माण स्थल पर लाकर स्मारक के निर्माण में प्रयोग किया जायेगा। उत्तराखण्ड जैसे सैन्य बाहुल्य वाले प्रदेश में बनने जा रहा यह ‘‘सैन्यधाम’’ राज्य के जनमानस की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। ‘‘सैन्यधाम’’ को ना केवल ‘शहीद स्मारक‘ की तरह बल्कि एक आकर्षण एवं प्रेरणादायी पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित करने की योजना है। ताकि यह ‘‘सैन्यधाम’’ प्रदेश एवं देशभर के युवाओं भारतीय सेनाओं की वीर गाथाओं से परिचित करवाए तथा यहां पधारने वालों को देश सेवा करने लिए प्रेरित करने का माध्यम बने । ‘‘सैन्यधाम’’ में एक भव्य स्मारक के साथ-साथ म्यूजियम, बहादुरी पदक गैलरी, विभिन्न महत्वपूर्ण लड़ाइयों का विवरण तथा अन्य कई सेना से जुड़े साजो-सामान को भी प्रदर्शित किये जाएंगे। ‘‘सैन्यधाम’’ को आकर्षण बनाएंगे रक्षा मंत्रालय के ये सैनिक उपकरण – राज्य की मांग पर रक्षा मंत्रालय सेना के निष्प्रयोज्य दो सेना के टैंक, वायुसेना का एक लड़ाकू विमान, नौसेना का एक छोटा वैसल, सेना की दो आर्टिलरी और दो एयर डिफेंस गन प्रदान करेगा।