देहरादून। उत्तराखंड में शुक्रवार को नैनीताल जिले में ब्लैक फंगस के पांच नए मरीज मिले हैं जबकि एक मरीज की मौत हुई है। वहीं प्रदेश में 16 मरीज स्वस्थ हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार देहरादून जिले में कुल मरीजों की संख्या 231 और 30 मरीजों की मौत हो चुकी है। ऊधमसिंह नगर जिले में एक और की मौत हो चुकी है।
दून अस्पताल में करीब 15 दिनों में तीन ब्लैक फंगस के रोगी स्वस्थ हुए हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार सिर्फ कोरोना नहीं बल्कि कई अन्य कारणों से भी ब्लैक फंगस हो रहा है। इसलिए इस वक्त लापरवाही करना खतरनाक हो सकता है। दून मेडिकल अस्पताल में भर्ती अब तक 12 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। इनमें से दो मरीजों के ब्लैक फंगस को ऑपरेशन के बाद निकाला जा चुका है, लेकिन ये मरीज लगभग 15 दिन से अस्पताल में ही भर्ती हैं। जबकि अब तक सिर्फ तीन मरीज ही स्वस्थ होकर जा चुके हैं। इसके अलावा लगभग सात मरीज ऐसे हैं, जिनमें ब्लैक फंगस के लक्षण हैं। उनकी जांच रिपोर्ट आना अभी बाकी है। राजकीय दून मेडिकल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत ने बताया कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ उन्हीं लोगों को ब्लैक फंगस की शिकायत हो रही है जिन्हें कोरोना हो चुका है, बल्कि साफ-सफाई का ध्यान न रखे जाने, मधुमेह पीड़ित और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में कमी वालों में भी यह संक्रमण हो सकता है। डॉ. पंत ने बताया कि दरअसल, ब्लैक फंगस का इलाज काफी लंबा चलता है। इसलिए ऑपरेशन के बाद भी ऐसे मरीजों को देखरेख के लिए अस्पताल में भर्ती रखना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतकर इससे निजात पा सकते हैं।