ऋषिकेश। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मध्घ्य देहरादून में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता ज्ञापन के अनुसार टीएचडीसीआईएल भूस्घ्खलन संभावित क्षेत्रों के अध्घ्ययन के लिए तकनीकी परामर्शदाता के रूप में तकनीकी सेवाएं प्रदान करेगा। टीएचडीसीआईएल उत्तराखंड राज्घ्य में विकासाधीन राष्घ्ट्रीय राजमार्गों के विस्घ्तार के लिए विभिन्घ्न शमन उपाय सुझाएगा जिसमें विशेषतया कैलाश मानसरोवर मार्ग सहित चारधाम मार्ग शामिल हैं। टीएचडीसीआईएल की ओर से अतुल जैन, महाप्रबंधक-डिजाइन (सिविल एवं एचएम) एवं वीएस खैरा, मुख्य अभियंता, क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड खतरनाक भूस्घ्खलन क्षेत्रों के लिए स्घ्थरीकरण उपायों से संबंधित जटिल मुद्दों के समाधान के लिए परंपरागत तरीकों के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग करेगा । टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड श्री माता वैष्घ्णों देवी और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड को भी परामर्शी सेवाएं प्रदान करता आ रहा है। टीएचडीसीआईएल व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के इस कदम से उत्घ्तराखंड में राष्घ्ट्रीय राजमार्गों पर तीर्थ यात्रियों एवं वाहनों का आवागमन सुगम होगा।
इस समझौता ज्ञापन के हस्ताक्षर समारोह में टीएचडीसीआईएल से डॉ. नीरज कुमार अग्रवाल, उप महाप्रबंधक (सिविल डिजाईन), कैलाश चन्द्र जोशी, वरिष्ठ प्रबंधक (सिविल डिजाईन), अवकेश कुमार, प्रबंधक (सिविल डिजाईन), अमित श्याम गुप्ता, प्रबंधक (सिविल डिजाईन) एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सौरभ सिंह, अधिशासी अभियंता, कपिल सिंह, अधिशासी अभियंता एवं श्री अंकित, सहायक कार्यकारी अभियंता उपस्थित रहे। टीएचडीसीआईएल भारत की अग्रणी विद्युत उत्पादन कंपनियों में से एक है। टिहरी बांध एवं एचपीपी(1000मेगावाट), कोटेश्घ्वर एचईपी(400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट एवं द्वारका में 63 मेगावाट की पवन विद्युत परियोजनाओं, उत्घ्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना एवं कासरगॉड केरल में 50 मेगावाट की सौर परियोजना के साथ टीएचडीसीआईएल की कुल संस्घ्थापित क्षमता 1587 मेगावाट हो गई है।